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सिफ़र

माँ की ममता मिली

पिता का सहारा मिला

भाईबहन का साथ मिला


परायों में यार मिले

दुश्मनों से वार मिले

कभी फरेब, कभी प्यार

तो कभी दुश्वार मिले


रहने को मकान मिला

जीने को मुकाम मिला

उड़ने को जहान मिला


सुकून मिला, करार मिला

जुनून मिला, खुमार मिला

इनायत मिली, इबादत मिली

सदारत मिली, हिफाज़त मिली

प्रतिभा मिली, सम्मान मिला

कहने को तो पूरा संसार मिला


सब मिला, फिर ये किसकी कमी है जो महसूस हो रही हैं?

ये कौन-सी तमन्ना है जो अंदर ही अंदर आँखे मूंदे सो रही हैं।


कुछ तो इल्म था ऐसा जो अश्रुओ में ही बह गया

एक सपना था अधूरा सा, हक़ीक़त होते-होते रह गया।


अब जगाना न मुझे, झूठी सही इन मीठे ख्वाबों में जी लेने दो

झूठ फ़रेब से ही सही, इन टूटे सपनों के घावों को-सी लेने दो,

सी लेने दो

सी लेने दो….

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